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Wednesday, 12 July 2017 11:37

यू०पी० बजट, बिजनौर की झोली खाली

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UP budget 2017 18

बिजनौर :योगी सरकार के पहले बजट में बिजनौर की झोली खाली ही रह गई। बजट के किसी भी हिस्से में बिजनौर का नाम नहीं आया। प्रदेश में जिन योजनाओं में बजट देने की घोषणा की गई है, उनमें भले ही बिजनौर को कुछ नहीं मिला

प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 3.84 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया। सरकार ने कई योजनाओं के लिए बजट जारी करने का ध्यान किया,लेकिन खास बिजनौर जिले के लिए कुछ नहीं मिला। जनपद में कई परियोजनाओं को बजट का इंतजार था। प्रदेश सरकार के बजट से इन परियोजनाओं को कुछ न कुछ मिलने की उम्मीद थी। बजट जारी होने के बाद निराशा ही हाथ लगी। धामपुर क्षेत्र में तिगरी मनकावाला में 1970 में स्थापित होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की इमारत खंडहर हो रही है। इस मेडिकल कालेज में लाखों रुपये के चिकित्सीय उपकरण जंग खा रहे हैं। करीब 21 एकड़ में बना यह मेडिकल कालेज अब अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए जंग लड़ रहा है। यदि इस मेडिकल कालेज को फिर से शुरू करा दिया जाए तो जनपदवासियों को काफी लाभ मिलेगा, लेकिन यूपी सरकार ने इस बजट में मेडिकल कालेज के लिए कुछ नहीं कहा।

मेडिकल कालेज का जिक्र तक नहीं
सपा सरकार में बिजनौर जनपद में मेडिकल कालेज स्थापना की घोषणा की गई थी। इस कालेज के निर्माण के लिए ग्राम स्वाहेड़ी में जमीन भी चिन्हित कर ली गई, लेकिन निर्माण को लेकर फिलहाल कुछ नहीं हुआ है। जिले के लोगों को इस मेडिकल कालेज का निर्माण अधर में लटकता दिख रहा है। योगी सरकार के बजट में भी मेडिकल कालेज का कोई जिक्र नहीं आया है।

जिले के उद्योगों को मिली निराशा
नगीना के काष्ठ कला उद्योग, शेरकोट के ब्रश उद्योग तथा नहटौर के कपड़ा कारोबार का भी बजट में जिक्र नहीं हुआ है। यह कारोबार वर्तमान में मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। नगीना के काष्ठ कला उद्योग ने देशभर में अपनी धूम मचाई है, लेकिन वर्तमान में यह कारोबार कठिन दौर में है। यूपी के बजट में इन उद्योगों को लेकर कोई विशेष घोषणा नहीं हुई।

महाभारत सर्किट के लिए कुछ नहीं
यूपी सरकार के बजट में 'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट और कृष्ण सर्किट के लिए कुछ न कुछ दिया गया है लेकिन महाभारत सर्किट के लिए कुछ नहीं है। बिजनौर जनपद इस सर्किट में शामिल हैं। इन स्थलों के विकास के लिए यूपी के बजट में कोई बजट निर्धारित नहीं किया गया है।

"प्रदेश सरकार का बजट छलावे के अलावा कुछ नहीं है। जनपद का तो कहीं नाम नहीं दिखा। पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई है।" - मुनीश त्यागी, जिला महामंत्री कांग्रेस।

"बजट में जो भी घोषणाएं की गई हैं उन्हें अमलीजामा पहनाया जाता है या नहीं यह देखने वाली बात तो यह है। फिलहाल तो सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था है। प्रदेश में आए दिन लूट-डकैती और हत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार को इन्हें रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।" - राजेंद्र कुमार, जिलाध्यक्ष, बसपा।

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