शेरकोट के रहने वाले पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी पर भी बसपा सुप्रीमो मायावती की गाजी गिर गई है। गाजी को बसपा से निष्कासित कर दिया है। गाजी बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेहद करीब माने जाते थे। नसीमुद्दीन को बसपा से निकालने के दौरान मोहम्मद गाजी पर मायावती की गाज गिरना तय माना जा रहा था। पर तब गाजी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गाजी पर गाज गिरने से उनके समर्थकों में मायूसी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद गाजी गुपचुप तरीके से नसीमुद्दीन सिद्दीकी से खूब मिल रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। मोहम्मद गाजी बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं। गाजी 2007 में बसपा के टिकट पर अफजलगढ़ सीट से पहली बार विधायक बने थे। 2012 में बढ़ापुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने । 2017 का चुनाव हार गए थे। गाजी की गिनती बसपा के दमदार नेताओं में होती रही है। बसपा जिलाध्यक्ष सरजीत सिंह के मुताबिक मोहम्मद गाजी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के अनुशासनहीनता कर रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। बसपा की जिला यूनिट ने गाजी के खिलाफ पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट दी थी, तब जाकर उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। जिलाध्यक्ष के मुताबिक गाजी को उनकी हरकतों के बारे में कई बार चेतावनी भी दी गई पर उनमें कोई सुधार नहीं होने पर पार्टी ने यह कदम उठाया है। बसपा से निष्कासित हुए मोहम्मद गाजी किसी दल का दामन नहीं थामेंगे। उन्होंने फोन पर बताया कि बहन मायावती उनकी नेता हैं, उनका हर आदेश सर्वोपरि है।