Print this page
Monday, 19 July 2021 13:00

बच्चों की आंखें हो रहीं मायोपिया बीमारी का शिकार

Written by
Rate this item
(2 votes)

कोरोना ने सभी लोगों की जिदगी में उथल-पुथल मचाई हुई है, जिससे लोगों की जीवन शैली में परिवर्तन आया है। कामकाजी लोग वर्क फ्रॉम होम तो छात्र ऑनलाइन पढ़ाई में लगे हुए हैं।

बच्चे करीब डेढ़ वर्ष से घर में हैं, तो मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास के साथ ही वीडियो गेम खेलते हैं। साथ ही टीवी और कंप्यूटर पर ज्यादा समय देते हैं। ऐसे में बच्चे मायोपिया (निकट दृष्टता) के शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल के साथ साथ निजी चिकित्सकों के यहां पर रोजाना ऐसे लगभग एक दर्जन मामले पहुंच रहे हैं। पिछले डेढ़ माह में जब से ओपीडी शुरू हुई है करीब 350 से ज्यादा बच्चे इन शिकायतों को लेकर अस्पताल पहुंच चुके हैं।

पिछले करीब डेढ़ साल देश भर में फैली कोरोना महामारी ने सभी को किसी न किसी तरीके से प्रभावित किया है। इसका सबसे ज्यादा शरीर के महत्वपूर्ण अंग आंखों पर पड़ने लगा है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज सेन ने बताया कि वर्तमान स्थिति में बच्चों की आंखों में दर्द, भेंगापन, तनाव, धुंधलाहट, पानी निकलने, शुष्क होने, सूजन और लालिमा की शिकायत हो रही है। जो बच्चे चश्मा लगाते हैं, उनको भी धुंधला दिखने लगा है। नेत्र चिकित्सकों के पास आए दिन ऐसे कई मामले आ रहे हैं। यह मायोपिया के ही लक्षण हैं। मायोपिया में पास की वस्तुएं साफ दिखती हैं, दूर की धुंधली दिखाई देती है।

जिला अस्पताल के ही नेत्र सर्जन डा. रजनीश कुमार शर्मा बताते हैं कि रोजाना ओपीडी में आंखों की जांच कराने आने वाले बच्चे मायोपिया से ग्रसित पाए जा रहे हैं। बच्चे पहले तीन घंटे तो अब सात घंटे तक मोबाइल प्रयोग करने लगे हैं। इससे यह बीमारी गंभीर होती जा रही है, जो बेहद ही चिंताजनक है।

वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अक्षत कौशिक के अनुसार अभिभावक छोटे बच्चों के रोने पर उनको अक्सर मोबाइल दे देते हैं, लेकिन ऐसा करना बिल्कुल ठीक नहीं है। स्क्रीन पर नजर रखने से बच्चों की आंखों में विकार आ जाता है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मिताली आत्रेय वशिष्ठ का कहना है कि छोटे बच्चों को मोबाइल गेम की जगह घरेलू खेल मसलन लुकाछिपी, लूडो में व्यस्त रखें। उनको पेड़-पौधों के बारे में बताएं और ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाएं, जिससे उनका ज्ञानवर्धन भी हो और आंखें भी सुरक्षित रहें।

ऐसे करें बचाव

  • 20 मिनट काम करने के दौरान 30 सेकंड आंखों को आराम दें। बंद करके उनको खोलें, इससे खुजलाहट एवं शुष्कता नहीं होगी।
  • पलकें झपकाना नहीं भूलें, आंखों को घुमाने की एक्सरसाइज करें।
  • बच्चों की ऑनलाइन कक्षा का स्क्रीन टाइम सीमित हो।
  • स्क्रीन से पर्याप्त दूरी बनाकर रखें, जो आसानी से दिखे।
  • लैपटॉप को टीवी स्क्रीन से जोड़कर काम करें।
  • बच्चों की आंखों के फोन अत्यधिक करीब न हो। इससे आंख की पेशियों पर दबाव पड़ता है।
  • कंप्यूटर स्क्रीन और आंखों के बीच की दूरी कम से कम 18 से 24 इंच हो।
  • हरी सब्जियां, आंवला, बादाम के पोषक भोजन पर ध्यान दें

Additional Info

Read 1103 times
Nagina.Net

Latest from Nagina.Net

Related items