Print this page
Monday, 14 November 2022 22:03

आबादी में बेखौफ घूम रहा गुलदार, खौफ में रातभर जागते रहे ग्रामीण

Written by
Rate this item
(1 Vote)

बिजनौर के ग्राम मिर्जा अलीपुर भारा की प्रधान मुमताज बानो के पति इकराम ने बताया कि गुलदार के हमले में घायल हुआ बालक अभी तक जिला अस्पताल में भर्ती है।

बता दें कि दस वर्षीय बालक अमन पर खेतों के बीच में गुलदार ने उस वक्त हमला कर दिया था, जब वह खेत की मेढ़ पर बैठा हुआ था। गनीमत यह रही थी कि उसकी मां ने किसी तरह से बेटे को गुलदार के चंगुल से बचा लिया था।

इस गांव में गुलदार अब तक तीन लोगों पर हमले कर चुका है। पिछले चार दिनों से गांव की आबादी के पास ही पिंजरा लगा हुआ है लेकिन गुलदार उसमें फंस नहीं रहा। रविवार को भी पिंजरे में कुत्ते को बांधकर रखा गया। इस घटना के बाद भी वन विभाग के किसी अधिकारी ने रविवार को गांव में जाने की जहमत नहीं उठाई।

अब ग्रामीणों ने खुद ही लाठी लेकर पहरा दे रहे हैं। डीएफओ अनिल पटेल ने बताया कि जहां से भी गुलदार की सूचना मिलती है, वहां के ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। गुलदार से बचने और सतर्क रहने के तरीके भी बताए जा रहे हैं। अगर हिंसक गुलदार है तो उसे पकड़वाया जाएगा।

जिलेभर के खेतों में मौजूद हैं 200 गुलदार

गुलदार वन क्षेत्र को छोड़कर खेतों की तरफ आ गए, जिन्हें गन्ने के खेत मुफीद लग रहे हैं। जिलेभर में अलग-अलग जगहों पर गन्ने के खेतों में 200 से अधिक गुलदार हैं। अब गन्ने की कटाई होने लगी तो गुलदार सामने आ रहे हैं। हर दिन जिले में कहीं ना कहीं से गुलदार देखे जाने की सूचना आ रही है।

साल 2019 में गुलदार ने छह लोगों को मार दिया था। जनवरी 2021 में आदमखोर गुलदार ने नजीबाबाद के भोगपुर में एक स्कूल के बाहर से बच्चे को निवाला बना लिया था। उसके बाद ग्रामीणों ने इस गुलदार को मार डाला था।

पहले भी हो चुके हैं हमले

- सात अगस्त को नहटौर पैजनिया मार्ग पर गुलदार ने दो होमगार्ड सहित चार लोगों को घायल किया।
- छह अगस्त को नूरपुर अरब में छह माह की बच्ची को गुलदार ले गया था, बाद में उसका कंकाल मिला।
- बीस अक्तूबर को हरेवली में आशा देवी को घास काटने के दौरान गुलदार ने हमला कर घायल किया।
- सात मार्च को आलियापुर गांव के रहने वाले श्याम सिंह के बेटे नितेश को गुलदार ने निवाला बना लिया।

आबादी के पास लैंटाना का विस्तार भी बना मुसीबत

कालागढ़। आबादी में लैंटाना के बढ़ते दायरे के चलते कार्बेट टाइगर रिजर्व के वनों से निकलकर खूंखार वन्यजीव अपने प्राकृतवास आबादी के निकट बना रहे हैं। वन्यजीवों के आबादी के नजदीक बस जाने से लोग उनके हमलों के शिकार हो रहे हैं।

कालागढ़ स्थित रामगंगा बांध परियोजना की आवासीय कॉलोनियों के इर्द गिर्द लैंटाना झाड़ियों का विस्तार अब आम लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है। कालागढ़ में आवासीय कॉलोनियों के चारों ओर यह झाड़ी फैल चुकी है। झाड़ियों में चीतल, हिरन, सांभर, जंगली सुअर आदि चरते रहते हैं। इनके पीछे गुलदार, बाघ और लकड़बग्घे आदि मांसाहारी वन्य जीव आ रहे हैं।

आसानी से शिकार मिलने के कारण हिंसक जीवों ने अपने प्राकृतवास का विस्तार करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय कॉलोनी स्थित चमचा कॉलोनी के आवासों के खंडहरों में इन दिनों एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ हनुमान मंदिर के पास दिखाई दे रही है। केंद्रीय कॉलोनी के आवासीय क्षेत्रों में एक बाघ और सूखासोत के निकट इंटर कॉलेज के पीछे भी छह माह पहले बाघ दिन में ही चहलकदमी करता देखा गया था। रामगंगा भवन के निकट, नई कॉलोनी में हेलीपैड के निकट बाघ का विचरण आम बात है।

धरातल पर नहीं दिख रहा लैटाना उन्मूलन अभियान का असर

कार्बेट टाइगर रिजर्व के वनों में लगभग दस वर्षों से लैंटाना उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा है। रामगंगा बांध प्रशासन भी सड़कों के किनारे इस झाड़ी को कटवाता रहता है। फिर भी इसका विस्तार कम नहीं हो रहा है।

कालागढ़ के वनक्षेत्राधिकारी आरके भट्ट का कहना है कि विभाग से मिले बजट के अनुसार ही वन क्षेत्रों में लैंटाना हटाया जाता है। गश्ती दल तैनात हैं। यह बाघिन का विचरण क्षेत्र है। यहां सुरक्षा के साथ-साथ गुजरने वालों को भी सतर्क रहना चाहिए।

Additional Info

Read 609 times
Nagina.Net

Latest from Nagina.Net

Related items