Monday, 03 May 2021 09:02

नगीना, प्रमुख दवाइयां बाजार से गायब

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच एक ओर जहां रोजाना कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इलाज में प्रयोग होने वाली प्रमुख दवाइयां तथा अन्य उपकरणों की नगीना में भारी किल्लत होने लगी है।

बाजार में जरूरी दवाइयों व मशीनों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। मरीजों के तीमारदार महंगे दामों पर दवाइयां व मशीनों को खरीदने के लिए मजबूर हैं। चिकित्सक कोरोना संक्रमित मरीजों को भाप लेने एवं समय-समय पर अपना ऑक्सीजन स्तर चेक करने की सलाह दे रहे हैं। इसके चलते बाजार में भाप लेने वाली मशीन तथा पल्स ऑक्सीमीटर की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। नगर के अधिकतर मेडिकल स्टोरों पर पल्स ऑक्सीमीटर तथा भाप लेने वाली मशीन गायब सी हो गई है। अलबत्ता जिन मेडिकल स्टोर पर यह चीजें मिल भी रही हैं, वहां कीमतों में कई गुना का इजाफा हो गया है।

भाप लेने वाली मशीन पहले 150 से 200 रुपये में मिलती थी, वो अब 400 रुपये तक में मिल रही है, जबकि 500 से 600 रुपये तक में मिलने वाला पल्स ऑक्सीमीटर अब दो से ढाई हजार रुपये तक पहुंच गया है। ऑक्सीजन के लिए मची मारामारी के बीच ऑक्सीजन सिलिंडर के ऊपर लगने वाली नोब भी बाजार से गायब सी हो गई है।

तीमारदारों को ढूंढे नहीं मिल रहीं दवाइयां

कोरोना संक्रमण के समय अधिकतर लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मल्टीविटामिंस विद जिंक की गोलियां ले रहे हैं, जो भी बाजार से अब गायब सी हो गई हैं। हालात यह हैं कि बुखार, नजला व खासी की ब्रांडेड दवाइयां भी अब बाजार में महंगे दामों पर बिक रही हैं। उधर, मेडिकल स्टोर स्वामियों का कहना है की बाजार में ब्रांडेड दवाइयों की मांग ज्यादा होने के कारण आपूर्ति पूरी तरह नहीं हो पा रही है। जिस कारण पीछे से दामों में तेजी हो रही है। एसडीएम घनश्याम वर्मा का कहना है कि दवाइयों एवं मरीजों के इस्तेमाल में होने वाले उपकरणों के सामानों में कालाबाजारी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। तत्काल टीम बनाकर ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई कराई जाएगी।

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