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Current happenings near and at Nagina city..
काशीपुर-नगीना बस दुर्घटनाग्रस्त
काशीपुर से नगीना जा रही प्राइवेट बस रायपुरी बार्डर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
गंदे पानी में धुल रही सब्जियां
नजीबाबाद: शहर की सीमा से सटकर बहने वाली मालन नदी के गंदे पानी में आसपास खेती करने वाले किसान सब्जियां धो रहे हैं, जिसके बाद यही सब्जियां बाजार ले जाकर बेची जा रही हैं। ऐसे में बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।
टूटी सड़कें, 75 दिन, 82 मौतें
डेढ़ साल बाद भी सड़कों के जख्म नहीं भरे गए हैं। जिले की कई सड़कों की हालत बद से बदतर है। सड़कों में गहरे गहरे गड्ढ़े व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। अफसर और नेता इन पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्थिति यह है कि सड़क हादसों में 75 दिनों में ही 82 से ज्यादा जान जा चुकी हैं। इसके बावजूद भी सड़कों के गड्ढों की अनदेखी की जा रही है।
नगीना - घरेलू विवाद के चलते सास बहू की मौत
नगीना : सास-बहू ने आपसी विवाद में जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। दोनों की मौत हो गई। बताया जाता है कि सास-बहू में गुरुवार रात किसी बात पर विवाद हुआ था। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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मिट्टी में भी घुला ‘जहर’
बिजनौर में पानी के बाद जिले की मिट्टी भी जहरीली हो गई है। जिले के कई गांवों की मिट्टी में प्रारंभिक जांच में आर्सेनिक पाया गया है।
नगीना विधायक करेंगे राजस्थान में सपा का प्रचार
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेेश यादव ने नगीना विधायक मनोज पारस को राजस्थान विधानसभा चुनाव में तिजारा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव प्रभारी बनाया है। पार्टी हाईकमान ने उन्हें सात दिसंबर तक राजस्थान की तिजारा विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी फजल हुसैन के लिए चुनाव प्रचार करने का निर्देश दिए हैं।
सड़क ख़त्म, अब केवल गड्ढे ही गड्ढे
हरिद्वार-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरना है तो जान हथेली पर रखना होगा। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड की अनदेखी से करीब 80 किलोमीटर हाईवे अपनी पहचान खो चुका है। मार्ग पर गड्ढों के साथ जगह-जगह फैली रोड़ी राहगीरों के लिए खतरे की घंटी बजा रही है।
ज़िले मे जहरीले कणों के साथ हो सकती है बारिश
निरंतर बढ़ते वायु प्रदूषण और हाल ही में दीपावली पर हुए बेतहाशा वायु प्रदूषण होने के बाद जल्द ही जनपद बिजनौर और आसपास के जनपदों की परेशानी में इजाफा होने वाला है। दरअसल मौसम विज्ञानियों, चिकित्सकों और भूगोलविदों की मानें, तो शीत की पहली बारिश इंडस्ट्रियल एरिया में कुछ क्षणों के लिए अम्लीय हो सकती है।