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बिजनौर लोकसभा सीट से ये हैं कांग्रेस उम्मीदवार
बिजनौर में कांग्रेस ने बिजनौर लोकसभा सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. नारायण सिंह की बेटी इंदिरा भाटी को चुनाव मैदान में उतारा है।
सपा के पूर्व सांसद यशवीर सिंह धोबी ने थामा भाजपा का दामन
नगीना सुरक्षित सीट से पहली बार सपा का परचम लहराने वाले पूर्व सांसद यशवीर सिंह धोबी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय के सामने उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
बिजनौर में मालगाड़ी पटरी से उतरी
बिजनौर में रायसी-लक्सर के बीच अप लाइन मालगाड़ी के डिब्बे से पटरी से उतर गए। सूचना मिलते ही रेलवे के आला अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए। आनन-फानन में नजीबाबाद स्टेशन से रनथ्रू निकलने वाली भटिंडा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को नजीबाबाद स्टेशन पर रोक दिया गया।
नगीना काष्ठकला उद्यमियों के लिए अब होगा ये काम
नगीना। जिला उद्योग महाप्रबंधक अमिता वर्मा ने कहा कि काष्ठ कला उद्यमियों के लिए एक सामान्य सुविधा केंद्र के बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है। शासन से मंजूरी मिलते ही इस पर कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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कताई मिल को फिर से चमकाने की कोशिश
कताई मिल में अब काष्ठ कला उद्योग परवान चढ़ेगा। इसके लिए शासन ने हरी झंडी दे दी है। कताई मिल में पट्टे आदि काटने का अधिकार डीएम को दे दिया गया है। सबसे पहले कताई मिल पर चढ़ा करीब 103 करोड़ का कर्ज उतारा जाएगा। बाकी पैसे को भी काष्ठकला में लगाया जाएगा।
स्वच्छता मिशन में नगीना नगर पालिका ज़िले में अव्वल
नगीना। स्वच्छता मिशन 2019 की रैंकिंग में नगर पालिका परिषद नगीना ने जिला बिजनौर में प्रथम स्थान और प्रदेश में 15वां स्थान प्राप्त किया है। इसी वर्ष सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ वार्ड की स्टेट रैंकिंग में नगर पालिका का वार्ड नंबर सात प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त कर चुका है।
Elections 2019: वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं? ऑनलाइन ऐसे करें चेक
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) नजदीक हैं. ऐसे में पार्टियां चुनाव प्रचार में जोर शोर से लगी हुई हैं. सरकार बनाने में जनता का सबसे बड़ा योगदान होता है. ऐसे में हर नागरिक का वोट (Vote) बेहद महत्वपूर्ण है.
खोने लगी है नजीबाबाद की पहचान
ट्रांसपोर्टेशन को लेकर दूर तक पहचान बनाने वाले नजीबाबाद शहर की पहचान अब धुंधली होने लगी है। महंगाई की मार झेल रहे ट्रांसपोर्टरों का इस काम से मोह भंग होने लगा है। क्षेत्र में पिछले एक दशक में ट्रकों की संख्या घटकर आधे से भी कम रह गई है। नजीबाबाद के ट्रक अब गिने-चुने जनपदों एवं आसपास के राज्यों तक ही सीमित होकर रह गए हैं।