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नगीना की श्रीकृष्ण गौशाला की 20 हजार वर्ग गज जमीन पर अवैध कब्जे का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में डीएम बिजनौर को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अलीगढ़ की बरौली सीट से भाजपा विधायक दलवीर सिंह ने यह मामला मुख्यमंत्री के सामने उठाया था।

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नगीना: शुक्रवार की दोपहर नगर पालिका बोर्ड की बैठक में पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, पालिका रख रखाव, वेतन भत्ते व पेंशन तथा पार्क के रख रखाव निर्माण कार्य, जल व्यवस्था, के लिये 45 करोड़ 81 लाख 76 हजार रुपये का वार्षिक बजट सर्वसम्मति से पारित हो गया।

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नगीना में गांव मिरजालीपुरभारा में एक समुदाय के लोगों ने रातों-रात धर्मस्थल की करीब 30 फिट मीनार का निर्माण कर दिया। प्रधान सुरजन सिंह ने मंगलवार रात में ही पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने दोनों समुदायों के लोगों से बात की। बाद में निर्माण कराने वाला पक्ष इसे गिराने पर राजी हो गया।गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।

bijnor bridge

बिजनौर में गंगा पर नारनौर गांव से बनने वाले पुल सहित तीन पुलों के निर्माण को वन विभाग ने मंजूरी दे दी है। 2008 से नारनौर के पास पुल का निर्माण शुरू हो गया था, लेकिन वन विभाग की एनओसी न मिलने पर पुल का निर्माण बीच में ही रोक दिया गया था। करोड़ों रुपये लगने के बाद पुल निर्माण अधर में छोड़ दिया गया था। इस पुल के बनने से उत्तराखंड, बिजनौर से मेरठ, दिल्ली व हरियाणा की दूरी काफी कम हो जाएगी।

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नगीना: शिक्षा के उन्नयन को संचालित सरकार की सारी योजनाएं मोहल्ला सरायमीर स्थित प्राइमरी पाठशाला तक आते-आते फेल हुई लगती हैं। स्कूल की न तो अपनी इमारत है न ही बैठने के लिए टाट-पट्टी। तपती दुपहरी हो या कड़ाके की ठंड, पाठशाला खुले आसमान के नीचे चलती है। बारिश में तो बच्चों की छुंट्टी हो जाती है। यहां का कुर्सी-मेज पड़ोसियों के यहां रखा जाता है।

water crisis

बढ़ापुर: प्रचंड गर्मी में गांव गोपीवाला प्यासा है। भू-जल स्तर इतना नीचे जा चुका है कि गांव में लगे करीब एक दर्जन इंडिया मार्का हैंडपंप पानी देना बंद कर चुके हैं। ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर दूर खेतों पर लगे नलकूपों से पीने और घरों के इस्तेमाल के लिए पानी लाना पड़ता है। पिछले कई वर्षो से यही हालात हैं। यूं लगता है कि प्यासे ग्रामीणों के होठों पर रेगिस्तान रेंग रहा है लेकिन, समस्या जस की तस है।

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नगीना तहसील क्षेत्र के गांव चमरावाला में कुत्ते काटने के 11 साल बाद हुई एक व्यक्ति की मौत से परिवार के 19 सदस्य खौफजदा हैं। इन सभी ने नगीना सीएचसी पर एआरबी के इंजेक्शन लगवाए।

गांव चमरावाला निवासी रामलाल ने बताया कि उसके 47 वर्षीय बेटे हेमराज को लगभग 11 वर्ष पूर्व मजदूरी करने के दौरान एक कुत्ते ने काट लिया था। उस समय उसका इलाज प्राइवेट कराया था। हेमराज के दो बेटे व एक बेटी हैं। 27 अप्रैल को अचानक हेमराज की तबियत खराब हो गई।

उसे गांव काजीवाला में एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। बिजनौर में एक निजी चिकित्सक के पास ले जाने पर भी हालत में फर्क नहीं पड़ा। बिजनौर में चिकित्सकों ने उन्हें रेबीज बताया तो हेमराज को मेरठ ले जाया गया।

वहां इलाज का खर्च अधिक बताया गया। पैसे का इंतजाम करने के लिए वे गांव वापस आ गए। यहां दो दिन बाद हेमराज की मौत हो गई। शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

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चांदपुर में मोदी सरकार पर तीन तलाक को लेकर शरीयत में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए मुस्लिम महिलाएं शनिवार को सड़कों पर उतर आईं। तहसील में प्रदर्शन कर उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
मुस्लिम महिलाएं पूर्व बसपा विधायक मोहम्मद इकबाल के कराल रोड स्थित आवास पर एकत्र हुईं। इसके बाद शेख इस्लाह तंजीम के बैनर तले वे बिजनौर बाईपास रोड पर प्रदर्शन करते हुए तहसील पहुंचीं। इनका नेतृत्व मोहम्मद इकबाल ने किया। महिलाएं हाथों में स्लोगन लिखे बैनर लिए थीं।
ज्ञापन में कहा गया है कि तीन तलाक को लेकर मुस्लिम समाज का उसमें एक ही पहलू दर्शाया जा रहा है। इससे मुस्लिम महिलाएं को मौलिक अधिकारों के हनन की आशंका है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में पक्ष रखने वाली मुस्लिम महिलाओं को भ्रमित करार दिया है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में फौजिया, समर जहां, इमराना परवीन, जैनब परवीन, शाजिया, सलमा, नाजिया, कैसर जहां, समरीन बानो, इरम जहां, नसरीन, तबस्सुम, शहाना, अलीशा, शमा, शाइस्ता आदि शामिल रहीं। महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर जाम के हालात बने रहे।

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बिजनौर: बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है। उनमें कड़वाहट साफ दिखती है। दरअसल, रोजगार के पर्याप्त अवसर ही नहीं हैं। उधर, आबादी बांधने के सारे जतन फेल साबित हो रहे हैं। जनसंख्या में लगातार वृद्धि से हालात उलट हो रहे हैं।

नहीं मुहैय्या हो रहे रोजगार के साधन
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल साक्षरता दर 70.43 प्रतिशत है। पढ़े-लिखे नौजवान बढ़ रहे हैं लेकिन उन्हें रोजगार के साधन मुहैया नहीं हो पा रहे। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश की कुल जनसंख्या का 1.85वां हिस्सा बिजनौर जिले में रहता है। जनपद में प्रति लाख जनसंख्या पर मात्र 13.92 लघु उद्योग संचालित हैं जबकि पड़ोसी जनपदों में लघु उद्योगों की स्थिति काफी अच्छी है। मेरठ में प्रति एक लाख जनसंख्या पर लघु उद्योगों का औसत 39.20, मुजफ्फरनगर में 27.36, बागपत में 28.01 तथा अमरोहा जिले में 15.23 है। लगातार बढ़ रहे बेरोजगारी के आंकड़े को कम करने के लिए जल्द ही ठोस प्रयास नहीं किए गए तो हालात उलट होंगे।

यहां होता है फकत पंजीकरण
बेरोजगारों का पंजीकरण कर उन्हें समायोजित करने का प्रयास करने वाला सेवायोजन विभाग लंबे समय से लाचार है। विभाग का काम केवल बेरोजगारों का पंजीकरण करना ही रह गया है। हालांकि पिछले कुछ समय से ट्रे¨नग और रोजगार मेलों के जरिए कुछ युवाओं को रोजगार दिलाने का काम किया गया लेकिन बढ़ती बेरोजगारों की संख्या के मुकाबले यह बेहद कम है। पहले सेवायोजन कार्यालय के माध्यम से भर्तियां होती थीं लेकिन, अब विभाग सीधे तौर पर भर्ती करने लगे हैं। इसलिए युवाओं का रुझान कार्यालय में पंजीकरण के प्रति भी नहीं है।

लगते रहे हैं रोजगार मेले
सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में लगाए गए रोजगार मेले में 24 युवाओं को सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी दिलाई गई। साल 2016-17 में पांच बार रोजगार मेले लगाए गए और 141 युवाओं को रोजगार दिलाया गया। इसके अलावा युवाओं के लिए करियर काउंस¨लग की भी व्यवस्था है। अप्रैल माह में 172 तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में 25 शिविर लगाकर 485 युवाओं की करियर काउंसि¨लग की गई। विभाग की ओर से कार्यालय प्रबंधन प्रशिक्षण भी चलता है। इसमें वर्तमान में 29 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण का हाल
कुल पंजीकृत बेरोजगार : 28044
अनुसूचित जाति : 12591
अनुसूचित जनजाति : 39
अन्य पिछड़ा वर्ग : 8695
दिव्यांग : 370
आइटीआइ : 895
महिला : 6994
अल्पसंख्यक : 7706

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बिजनौर के धामपुर में मुरादाबाद मार्ग पर गांव सरकड़ा के पास रोडबेज बस की टक्कर से बाइक सवार पिता-पुत्र की मौके पर मौत हो गई। घटना के बाद मार्ग पर करीब आधा घंटे तक जाम लगा रहा। पुलिस ने बस कब्जे में लेकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं।

नगीना थाने के गांव पुरैनी निवासी सादिक ने बताया कि उसका 45 वर्षीय पिता नसीम और 12 वर्षीय भाई रिहान बाइक से किसी काम से धामपुर थाने के गांव सरकड़ा में जा रहे थे। गांव के पास पीछे से तेज गति से आ रही धामपुर डिपो की रोडवेज बस ने उनकी बाइक को रौंद डाला।

इससे उसके पिता और भाई की मौके पर मौत हो गई। उसके पिता का गांव में हार्डवेयर का काम था। घटना का पता लगा तो उनके परिवार में कोहराम मच गया।

उधर हादसे के बाद मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कोतवाल प्रेमवीर राणा ने शवों को सीएचसी में पहुंचाकर मोर्चरी में रखवा दिया। चालक बस छोड़कर भाग निकला। सूचना पर दुर्घटना के शिकार लोगों के परिजन पहुंच गए।

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